साज सँभाल का अर्थ
[ saaj senbhaal ]
साज सँभाल उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- रख-रखाव , साज सँभाल, सँभाल, अनुरक्षण, अधिकर्म2.
- रख-रखाव , साज सँभाल, सँभाल, अनुरक्षण, अधिकर्म2.
- साधना , प्रशिक्षण और परामर्श में प्राय : इतना समय लग जाता है कि उस व्यस्तता के बीच छोटे बालकों की साज सँभाल बन नहीं पड़ती है।
- उन्हें अपनी सुध कहाँ … घर की साज सँभाल और पिताजी व हम भाई बहनों को तवे से उतरती रोटी खिलाने में ही शायद उनका मन तृप्त हो जाता होगा … !
- बैठने का कोई तरीका क्यों न हो , उसमें यही बात ध्यान रखने की है शरीर रुई की गठरी जैसा ढीला पड़ जावे , उसे अपनी साज सँभाल में जरा - सा भी प्रयत्न न करना पड़े ।
- घर की सफाई , पुताई , फर्नीचर , साज सँभाल रंग-रोगन , कपड़े धोना , टूटी चीजों की मरम्मत , पुस्तकों की जिल्दें , हर वस्तु को नियत स्थान पर जमाना जैसे कार्यों में छोटे-बड़े सबको कुछ न कुछ समय देना चाहिए।
- घर की सफाई , पुताई , फर्नीचर , साज सँभाल रंग-रोगन , कपड़े धोना , टूटी चीजों की मरम्मत , पुस्तकों की जिल्दें , हर वस्तु को नियत स्थान पर जमाना जैसे कार्यों में छोटे-बड़े सबको कुछ न कुछ समय देना चाहिए।
- घर की साज सँभाल और पिताजी व हम भाई बहनों को तवे से उतरती रोटी खिलाने में ही शायद उनका मन तृप्त हो जाता होगा . ..! और अब पत्नी भी तो कमोबेश उसी रूप में है...सबको गरम रोटी खिलाने के उल्लास में खुद कहाँ गरम खा पाती है...!!! और शायद इसीलिए जयशंकर प्रसाद जी ने कामायनी में लिखा है....“इस अर्पण में कुछ और नहीं केवल उत्सर्ग छलकता है,मैं दे दूँ और न फिर कुछ लूँ, इतना ही सरल झलकता है।”क्या कहती हो ठहरो नारी!